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इंडो नेपाल सीमा पर नो मैंस लैंड से अतिक्रमण हटाने के दौरान नेपाली नागरिकों व भारतीय प्रशासन के बीच हुई नोंक-झोंक

खबर सागर

इंडो नेपाल सीमा पर नो मैंस लैंड से अतिक्रमण हटाने के दौरान नेपाली नागरिकों व भारतीय प्रशासन के बीच हुई नोंक-झोंक

खटीमा के मेलाघाट क्षेत्र में इंडो नेपाल सीमा पर नो मैंस लैंड पर हुए अतिक्रमण को हटाने और चिन्हिकरण करने पहुंची प्रशासन की टीम को नेपाली नागरिकों से नोंक-झोंक का सामना करना पड़ा।
बीते गुरुवार से नो मैंस लैंड पर हुए अतिक्रमण को हटाने और चिन्हिकरण करने का कार्य प्रशासन की टीम द्वारा लगातार किया जा रहा है।
वहीं गुरुवार को भी एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट, वन विभाग की एसडीओ संचिता वर्मा तथा 57 बटालियन एसएसबी के कमांडेंट मनोहर लाल के नेतृत्व में राजस्व विभाग वन विभाग तथा एसएसबी की टीम इंडो नेपाल सीमा पर पहुंची थी जहां मौके पर नेपाल के स्थानीय विधायक, नेपाल एपीएफ, डीएसपी संतोष बी सिंह तथा इंस्पेक्टर देवेंद्र नाथ भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि संयुक्त टीम की सर्वेक्षण के दौरान मुख्य पिलर 796 से लेकर 798 तक दोनों ओर से नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण पाया गया था जिस संबंध में कार्रवाई करते हुए भारत की तरफ से हुए अतिक्रमण को हटा दिया गया। लेकिन नेपाली मीडिया द्वारा भ्रामक खबर फैलाकर नेपाली नागरिकों को गुमराह किया गया ।
जिससे नेपाली नागरिक अतिक्रमण हटाने को तैयार नहीं थे। नेपाली नागरिकों द्वारा चिन्हिकरण सबूत को भी मिटा दिया गया। जिससे विवाद खड़ा हो गया और नेपाली नागरिकों तथा भारतीय प्रशासन की टीम के बीच काफी नोंक-झोंक देखने को मिला।
आपको बता दें कि कई जगहों पर नेपाली नागरिकों द्वारा भारतीय सीमा में भी अतिक्रमण किया गया है जिसको लेकर सीमा के भारतीय नागरिकों में भी रोष है।
वहीं कड़ी मशक्कत और समझाने बुझाने के बाद दोनों देशों के प्रशासन की टीमों के बीच हुई वार्ता में निर्णय लिया गया कि नो मैंस लैंड पर हुए अतिक्रमण को हटा लिया जाएगा तथा जहां विवाद की स्थिति है।
दोनों देशों के प्रशासन के मध्य आपसी बातचीत से सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान किया जाएगा। वहीं इस मामले में एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट तथा कमांडेंट मनोहर लाल ने बताया कि नेपाल के मीडिया द्वारा भ्रामक खबर फैलाकर नेपाली नागरिकों को गुमराह किया गया था।
उन्होंने कहा कि नो मैंस लैंड पर भारत की तरफ से किए गए अतिक्रमण को हटा लिया गया है ।इसके साथ ही नेपाल प्रशासन से बातचीत कर नेपाली नागरिकों से भी अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा कि जहां विवाद की स्थिति होगी दोनों देशों के प्रशासन के बीच आपसी बातचीत व सौहार्दपूर्ण वातावरण में समाधान कर लिया जाएगा।

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