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हर्षिल क़े सेब का मिठास दुनिया में अपनी एक अलग ही पहचान

खबर सागर

हर्षिल क़े सेब का मिठास दुनिया में अपनी एक अलग ही पहचान

वैसे तो सेब की मिठास भारत के हर राज्य से अलग-अलग पहचान रखती है मगर उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक के अंतर्गत हर्षल,धाराली,मुखबा
,पुरानी, जयपुर,सुखी, टॉप सब की एक अलग ही पहचान है।और उसकी मिठास लोगों को अपने और आकर्षित करती है जी हां हम बात कर रहे हैं ।

उत्तरकाशी हर्षिल छेत्र की जिसकी पहचान सेब वह राजमा की जाती है क्योंकि यहां का सेब व राजमा देश विदेश तक सप्लाई किया जाता है भले ही इस बार मौसम ने साथ नहीं दिया जिसके कारण सेब का उत्पादन कुछ खास नहीं हो पाया है मगर स्थानीय लोग बताते हैं कि सेब के जरिया से ही हमारा रोजी रोटी चलती है ।
टकनौर वाले क्षेत्र में सेब की अनेक प्रकार के ब्रांड वाले पेड़ लगाए गए हैं जिसके कारण हर सेब के पेड़ की अलग-अलग पहचान उसके मीठास से की जाती है ।
वही इस बार हम बात करें तो 5 अगस्त को आई धाराली मे आई आपदा के कारण मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गए थे और कई जगह लोगों क़े सेब पेड़ पूरी तरह से नष्ट हो चुक़े है फिर भी जो बचे हुए से है उनको स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी को एक पत्र लिखकर कहा गया था ।
हमारे से सरकार सेब खरीदें जिसे लेकर सरकार ने भी इनकी बात सुनी और अब सरकार ₹51 रुपए किलो के हिसाब से इसे से खरीद रही है जिससे स्थानीय लोग काफी खुश हैं सेब बागवानी का कहना है कि अगर आपदा नहीं आती तो हमारा सेब सही रेट मे यही बिक जाता ।
वहीं बाहर से आए हुए ठेकेदारों का कहना है कि हम लोग स्थानीय लोगों सेब तो खरीद रहे हैं मगर हमारे पास मजदूरों की कमी है क्योंकि यहां पर मजदूर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं
वहीं लोगों का कहना है कि आप लोग उत्तराखंड में मां गंगा के दर्शन करने के साथ-साथ हर्षित,धाराली, झाला,सूखी टॉप के सेबो का मिठास का आनंद लीजिए

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