
खबर सागर
छनाणा गांव में माँ राजराजेश्वरी गौरजा ने हरियाली से दिया भक्तों को अर्शिवाद
चैत नवरात्र के अंतिम पर जौनपुर के तहत सुप्रसिद्ध
आदि शक्ति माँ राजराजेश्वरी गौरजा देवी सिद्ध पीठ छनाण गाँव में हवन यज्ञ के साथ हरियाली काट मां का आर्शवाद प्राप्त किया । जिसमें दूर दराज क्षेत्र से भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की प्रार्थना की।
जौनपुर के ग्राम छनाण गांव में प्राचीन मां राजराजेश्वरी गौरजा देवी मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना व हवन यज्ञ के साथ हरियाली काट कर एक दुसरे को प्रसाद के रूप में मां का अर्शिवाद लिया ।
ग्रामीण रविन्द्र सिंह रावत ने बताया कि मान्यता है कि यहां कि सिद्ध माता मंदिर की स्थापना 18वीं सदी में आशा इन्द्वाणी रौत वंश के लोगों द्वारा की गई थी।
माँ राजराजेश्वरी गौरजा देवी अपने अनन्य भक्त आशा रौत की भक्ति से प्रसन्न होकर क्षेत्र की इस स्थल पर एक वृद्ध महिला के वेश में आईं।
उन्होंने आशा रौत को इसी स्थल पर मंदिर बनाने का आदेश देते हुए पेड़ के नीचे बैठते हुए वहीं अदृश्य हो गईं। तब से आज तक आशा इन्द्वाणी रौत वंश के लोग ही इसके पुजारी हैं।
माँ राजराजेश्वरी गौरजा देवी आशा इन्द्वाणी रौत वंश के जौनपुर के ग्राम छनाण गाँव,मुन्दणी, खेड़ा,अग्यारना, मोलधार, बिनाऊ,नैनबाग व माल देवता देहरादून में निवासियों की कुल देवी हैं।
ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से इस सिद्ध पीठ में माँ भगवती के चरणों के दर्शन करते हैं, उनकी मनोकामनाएं अवश्य ही पूरी होती हैं ।
समापन पर कई देवता अवतरित होने के बाद विधिवत पूजा अर्चना व प्रसाद वितरण के साथ माता से सुख: शांती की कामना की है।
इस अवसर पर मन्दिर समिति के अध्यक्ष गोविंद रावत,पूर्व अध्यक्ष रणवीर रावत, बीर सिंह रावत,फकीर चन्द रावत,हुकम सिंह रावत,दीपचंद रावत,महावीर रावत,भीम रावत सुभाष रावत, उपेन्द्र रावत, सतेन्द्र रावत रघुवीर रावत,कुलदीप, रविन्द्र सिंह रावत आदि उपस्थित रहे।