
खबर सागर
उत्तराखंड के प्रवासी बंधुओं को मेरी गणना मेरे गाँव अभियान से जोड़ने की पहल
गांव से हो रहे पलायन को लेकर एक मंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री से भेंट की है। जिसमें पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन और आगामी जनगणना के संदर्भ में महत्वपूर्ण चर्चा के साथ मेरी गणना मेरे गाँव-अभियान के माध्यम से देश-विदेश में बसे उत्तराखंड के प्रवासी बंधुओं को उनके मूल गांवों के लिए प्रेरित करें।
शनिवार को प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रदेश के पूर्व ब्लॉक प्रमुख संगठन के अध्यक्ष व भाजपा नेता जोत सिंह बिष्ट ने बताया कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से निरंतर पलायन के कारण जनसंख्या में कमी आई है, जिसके परिणामस्वरूप 2025 की जनगणना और उसके आधार पर होने वाले परिसीमन में पर्वतीय जिलों की विधानसभा सीटों की संख्या में भारी कटौती का खतरा है। वर्तमान में 9 पर्वतीय जिलों में 34 सीटें हैं, जो अनुमानित तौर पर घटकर 27 हो सकती हैं, जबकि 4 मैदानी जिलों की सीटें 36 से बढ़कर 43 हो सकती हैं। यह स्थिति राज्य निर्माण की मूल भावना के विपरीत है।
प्रतिनिधिमंडल ने सुझाव दिया कि यदि प्रवासियों को “मेरी गणना मेरे गाँव” अभियान से जोड़ा जाए और उन्हें जनगणना के लिए अपने गांवों में आने के लिए प्रेरित किया जाए, तो पर्वतीय क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व सुरक्षित रहेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। माननीय मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रवासियों को उत्तराखंड के विकास से जोड़ने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है और “मेरी गणना मेरे गाँव” अभियान एक ऐतिहासिक पहल सिद्ध हो सकता है।
यह वार्ता उत्तराखंड के भावी विकास और पर्वतीय क्षेत्रों के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम ह होगा ।
प्रतिनिधि मंडल में भाजपा नेता जोत सिंह बिष्ट, भाजपा नेता मथुरा दत्त जोशी, डॉ. आर.पी. रतूड़ी, वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत, शीशपाल गुसाईं, पुष्कर नेगी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।



