उत्तराखंडपर्यटनसामाजिक

यमुनोत्री धाम में बाढ़ सुरक्षा कार्य पर चीता हेलीकॉप्टर से हेलीपेड ट्रायल लैंडिंग

खबर सागर

यमुनोत्री धाम में बाढ़ सुरक्षा कार्य पर चीता हेलीकॉप्टर से हेलीपेड ट्रायल लैंडिंग

 

यमुनोत्री धाम में बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों को तेज़ी से पूरा करने हेतु आवश्यक मशीनों को भारतीय वायुसेना के सहयोग से एयरलिफ्ट किया जाएगा। मा. मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन और दिशा–निर्देशों के क्रम में आज चीता हेलीकॉप्टर द्वारा सफल लैंडिंग की गई।
यमुनोत्री धाम की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और 6 किलोमीटर के खड़ी चढ़ाई वाले पैदल मार्ग के कारण मशीनों को वहां पहुंचाना संभव नहीं है। जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा मशीनों को एयरलिफ्ट कराने का निर्णय लिया गया है।
आपको बता दें कि गत वर्ष 2024 में यमुनोत्री धाम में भारी अतिवृष्टि/बाढ़ से धाम परिसर एवं जानकीचट्टी में आधारभूत सरंचनाओं व परिसम्पत्तियों को भारी नुकसान हुआ था।
चारधाम यात्रा को देखते हुए कार्यों में तीव्र गति लाने के लिए एक्सपर्ट के मुताबिक बड़ी मशीनों की आवश्यकता है। जिसको लेकर भारतीय वायुसेना से मदद मांगी गई है ।
इसी क्रम में आज दो चीता हेलीकॉप्टर के माध्यम से यमुनोत्री धाम में निर्मित हेलीपेड की रेकी की गई और एक चीता हेलीकॉप्टर की सफल लैंडिंग की गई । ट्रायल लैंडिंग सफल होने के बाद सिंचाई विभाग द्वारा आवश्यक मशीनों की लैंडिंग की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी,जिससे बाढ़ सुरक्षा के कार्यों को प्रभावी ढंग से पूरा किया जा सकेगा।

उल्लेखनीय है कि यमुनोत्री धाम में मंदिर और जानकीचट्टी में श्री राम मंदिर से अखोली पुल तक यमुना नदी के दोनों किनारों पर 1956.85 लाख रुपये की लागत से बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य किए जा रहे हैं। प्रस्तावित चिनूक हेलीकॉप्टर की ट्रायल लैंडिंग के बाद मशीनों को एयरलिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

चारधाम यात्रा को ध्यान में रखते हुए यमुनोत्री धाम में तीर्थ यात्रियों की सुविधा एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है हेवी मशीनों की लैंडिंग परियोजना का उद्देश्य यमुनोत्री धाम और आसपास के क्षेत्रों को बाढ़ की संभावित आपदाओं से सुरक्षित करना है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!