
खबर सागर
कॉर्बेट में गाइड्स, जिप्सी चालकों और वनकर्मियों के लिए स्वास्थ्य शिविर
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व — एक ऐसी जगह जहां प्रकृति बोलती है, और उसे सुनने-समझने वाले लोग होते हैं गाइड्स, जिप्सी चालक और वनकर्मी,इन्हीं नायकों की सेहत का ख्याल रखने के लिए कॉर्बेट प्रशासन ने उठाया एक बेहतरीन कदम, विशेष मेडिकल कैंप, जिसमें नाक, कान, गले और आंखों की जांच की गई, ताकि जंगल की हर हरकत उनकी नजर और सुनने की ताकत से छूट न जाए।
कॉर्बेट प्रशासन की यह पहल सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक समर्पण है। उन लोगों के लिए जो हर दिन जंगल में उतरकर प्रकृति और पर्यटकों के बीच पुल बनते हैं,जिप्सी चालक हों या नेचर गाइड, उनकी आंखें और कान ही वो साधन हैं जिनके ज़रिए वे वन्यजीवों की मौजूदगी और हरकतों को भांपते हैं।
नेचर गाइड व जिप्सी चालकों ने कहां कि कई बार जानवरों की हल्की-सी सरसराहट या दूर की हरकत हमें बहुत कुछ बता देती है,ये चेकअप इसलिए जरूरी हैं, ताकि हम अपनी इंद्रियों को तेज रख सकें।
उन्होंने कहाँ हम रोजाना जंगल में गाड़ी लेकर जाते हैं, हमारी आंखें और कान ही हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। इस कैंप से हमें भरोसा मिला कि प्रशासन हमारे बारे में सोच रहा है।
वहीं इस विषय मे कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी ने कहां कि हमारे गाइड्स और वनकर्मी जंगल की आंख और कान होते हैं,अगर उनकी देखभाल हम नहीं करेंगे, तो पर्यटकों को बेहतर अनुभव देना भी मुश्किल हो जाएगा,यही सोचकर यह हेल्थ कैंप लगाया गया है।
इस स्वास्थ्य शिविर में विशेष ध्यान दिया गया नाक, कान और गले की जांच पर। आंखों की रोशनी का परीक्षण,सुनने की क्षमता की जांच,गले और फेफड़ों की स्थिति का अवलोकन,और सामान्य फिटनेस का आकलनकिया गया।
ताकि जंगल में काम करने वाले हर व्यक्ति पूरी तरह सतर्क और स्वस्थ रह सके
जंगल की परिस्थितियों में कार्यरत इन कर्मियों का स्वास्थ्य बरकरार रहना न केवल उनकी सुरक्षा के लिए, बल्कि हर उस पर्यटक की सुरक्षा और संतुष्टि के लिए भी ज़रूरी है जो यहां वन्यजीवों की एक झलक पाने आता है।
इस हेल्थ कैंप का लाभ केवल वनकर्मियों या गाइड्स तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनके परिजन भी इसमें शामिल हुए,कॉर्बेट के भीतर या समीप रहने वाले परिवारों के लिए यह सुविधा एक बड़ी राहत साबित हुई।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व हर साल लाखों पर्यटकों का स्वागत करता है।
और इन अनुभवों के केंद्र में होते हैं ये गाइड्स और चालक, जिनकी सतर्कता रोमांच को सुरक्षित बनाती है।
यह हेल्थ कैंप सिर्फ जांच की पहल नहीं, बल्कि एक मैसेज है, कि जंगल के असली रक्षक, गाइड्स और वनकर्मी, हमारे ध्यान के सबसे योग्य हैं।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ने दिखा दिया है कि अगर पर्यावरण की रक्षा करनी है, तो उसके रक्षकों को पहले स्वस्थ रखना होगा,आंखें, कान और संवेदनशीलता ही बनाती है जंगल को जानने का जरिया और ये पहल उन्हीं ज़रियों को मजबूत करती है।