
खबर सागर
जौनपुर के थत्यूड़ डांणा में अंतिम मेला थौलू धूमधाम से हुआ समापन
जौनपुर की लोक संस्कृति की धरोहर व पहचान मेले थौलू से भी मानी जाती है। जहां अंतिम मेला थत्यूड़ डाणा में धूम धाम के साथ हर्ष समापन हुआ ।
जौनपुर क्षेत्र में बैशाखी पर्व 15 गते अप्रैल से आयोजित मेला आज 7 मई को थत्यूड़ के डांणा में अंतिम मेले में जौनपुरी तांदी व रासों की लोक संस्कृति की धूम के साथ हर्ष उल्लास के साथ समापन हुआ ।
जिसमें दूर दराज क्षेत्रों से आए मेलार्थीयों ने जमकर खरीदारी की और इस वर्ष के अंतिम मेला का आन्दन उठाया ।
इस मेले में लोक संस्कृति की धरोवर व पहचान को संरक्षण व सर्वधन के लिए अनेक प्रकार के भेष -भूषा में सज सज कर बिभिन्न गांव से आई महिलाओं ने तांदी व रासों की लोक संस्कृती की सुन्दर प्रस्तुती से एक दुसरे को मन मोह लिया ।
बता दे इन्ही मेलों के माध्यम से पेंशन व नये पुराने गीतों का आदान प्रदान व प्रचार प्रसार का पूर्व से केन्द्र माना जाता है। साथ ही कई दिनों भूले -बिछडे लोग भी मेले थौलू में ही एक दुसरे से मेल मिलाप होता है।
मेले में श्रीमती आन्दनी देवी, सरोज व महिपाल सिंह आदि का कहना है कि मेले पाश्चात संस्कृति व युवा पीड़ी आधुनिक युग के चलते धीरे – धीरे करेज कम होता आ रहा है।
लेकिन मेला थौलू जौनपुर की लोक संस्कृति की धरोवर का केन्द्र है। जिन्हें आने वाली पीडीयों को भी जिंदा करने की नितांत आवश्यकता है।
मेले में रविद्र सिंह रावत विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष ने मेले में बाहरी असामाजिक तत्वों द्वारा का सत्यापन लव जिहाद पर रोक को लेकर थानाध्यक्ष को ज्ञापन दिया |