कैम्टी के ग्राम नौथा में पांच साल एग्रो प्रोसेसिंग कलस्टर लटका उधर में

मोहन थपलियाल –
खबर सागर ब्यूरों
कैम्टी के ग्राम नौथा में पांच साल एग्रो प्रोसेसिंग कलस्टर लटका उधर में
प्रखंड जौनपुर के अंतर्गत कैम्टी के ग्राम नौथा में किसानों के उत्पादन बढ़ाने को लेकर 10 एकड़ भूमि पर 23.41 करोड की लगात से एग्रो प्रोसेसिंग कलस्टर सेंटर का निर्माण किया जाना था । जो कि प्रदेश का पहला एग्रो प्रोसेसिंग कलस्टर
5 साल बीतने के बाद भी आज भी आधा -अधूरा से क्षेत्र के किसानों को दिखाए गए संपनो पर पानी फिरने से निराशा छाई हुई है ।
पर्यटक स्थल कैम्टी के ग्राम नौथा में वर्ष 2018 में कृषि विभाग ने 10 हैक्टर भूमि पर केन्द्र सरकार द्वारा 23.41 करोड की लागत एग्रो प्रोसेसिंग कलस्टर की मंजूरी दी ।

जिसमें क्षेत्र के लगभग 6 ( छह ) हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना थी । जिसमें सरकार द्वारा कलस्टर का नाम श्री देव सुमन एग्रो प्रोसेसिंग कलस्टर रखा गया ।
वर्ष 2019 में प्रदेश कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने विधिवत उद्घाटन कर क्षेत्र के किसानो को कृषि के क्षेत्र में एक सौगात दी थी ।
उद्घाटन के बाद कुछ निर्माण कार्य आरसी बीम व एक टीन सेट सहित ढांचा खड़ा कर दिया है ,जो की पांच के अंतरल में जंग लगने से खस्ताहाल की कगार पर पहुंच गया है ।
जब कि 10 एकड़ भूमि पर चारो ओर बड़ी-बड़ी झाड़ी होने के चलते जंगली जानवरों का खतरा आए दिन खतरा बना हुआ है, जिस पर ग्राम नौथा के सहित आस पास की ग्रामीण में भारी दहशत बनी हुई है ।
प्रदेश का पहला एग्रो प्रोसेसिंग कलस्टर सेन्टर में कृषि उत्पादों का खाद्य प्रसंस्करण, कोल्ड स्टोर कलेक्शन सेंटर जैसे आदि सुविधा का लाभ क्षेत्र के लगभग 50 किमी के दायरे के किसानों को इस का मिलना था । जिसमें किसानो से कंपनियां कृषि उत्पादो कच्चा माल के रूप में खरीद कर उत्पादो को कलस्टर स्तर पर प्रोसोसिंग किया जाना था ।
इसके अलाव कलस्टर में कंपनीयों की ओर से छह अलग -अलग प्रसंस्करण इकाई स्थापित की जानी थी । और किसानो के सामाने मार्केटिग की समस्या न होने पर घर बैठे किसानो को अच्छे दाम मिलने की योजना थी ।
लेकिन सरकार द्वारा किए गए बड़े-बड़े दावे 5 साल बीतने के बाद आज धरातल पर 10 एकड़ भूमि पर मात्र झाड़ी बनाकर पीसकर शो पीस बना हुआ है । जिससे स्थानीय जनता में भी भारी आक्रोश है ।
प्रधान सुन्दर सिंह रावत का कहना है कि सरकार द्वारा करोड रुपये खर्च कर आघा – अधुरा खडा स्ट्रक्चर जंग से खस्ताहाल बना हुआ है। और क्षेत्र के किसानो की उद्घाटन के समय लुभाने वालें दावे मात्रा हवाई सावित हुए है। जिससे कलस्टर का कोई लाभ किसानो को नही मिल रहा है।
स्थानीय किसान संसार सिंह राणा का कहना है कि विगत पांच सालों से 10 हैक्टर भूमि पर कुछ निर्माण कर के बाद झांडी का जंगल बना हुआ है। जिसमे ग्रामीण के सामने बाघ -भालू आदि जानवरों के खतरे की दहशत बनी हुई है। इस स्थान पर हुआ निर्माण से सरकार के धन का दुर्पयोग हो रहा है। जिस पर शीघ्र ही कलस्टर के निर्माण की मांग की है ।
मड़ी समिती के उप महाप्रबंधक अनिल सैनी का कहना है कि केंद्र सरकार से धनराशि उपल्बध न होने से निर्माण रुका हुआ है। जिसमें प्राक्कलन पुनः प्रेषित कर धनराशि प्राप्त होने पर कार्य किया जायेगा ।