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भगवान कार्तिकेय का अनोखा मेला ढोल की अगुवाई में मेले का आयोजन

खबर सागर

 

भगवान कार्तिकेय का अनोखा मेला ढोल की अगुवाई में मेले का आयोजन

बाड़ागड्डी क्षेत्र कुरोली-कंकराड़ी में हरि महाराज सहित खंंडद्वारी माता और नागराज, हुणेश्वर देवता का दूधगाडू मेले का भव्य आयोजन किया गया।

  1. इस मौके पर ग्रामीणों की ओर से लाए गए करीब 160 लीटर दूध से देवता के पश्वों ने स्नान कर क्षेत्र सहित अच्छी फसलों की खुशहाली के लिए आशीर्वाद दिया हरी महाराज के बारे में माना जाता है कि वह भगवान शंकर के पुत्र कार्तिकेय है ओर उत्तरकाशी के कोंच पर्वत पर उनका मन्दिर स्थापित है ।
    जिसका वर्णन स्कंद पुराण में भी किया गया है इस स्थान पर ग्रामीण सूखा अकाल पड़ने पर बारिश मांगनें के लिए पहुंचते हैं इस मन्दिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है कार्तिकेय यानी हरि महाराज के
    दूधगाडू मेले के लिए बाड़ागड्डी क्षेत्र सहित आसपास के क्षेत्रों से सैकड़ों की संंख्या में ग्रामीण कुरोली-कंकराड़ी में हरि महाराज की थात में एकत्रित हुए। वहां पर ग्रामीणों ने देवडोलियों को ढोल-दमांऊ की थाप पर कंधों पर नचाया। इसके साथ ही देवडोलियों के साथ रासो तांदी नृत्य का आयोजन भी किया गया।
    इस मौके पर श्रद्धालुओं ने अपने ईष्ट देवी-देवताओं हरि महाराज सहित खंडद्वारी और नागराज, हुणेश्वर देवता को दूध, मक्खन सहित श्रीफल आदि भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया। उसके बाद सभी देवताओं के देवपश्वा थात पर अवतरित हुए।

वहां पर सभी देवपश्वों ने ग्रामीणों की ओर से लाए गए दूध से स्नान करने के बाद क्षेत्र की खुशहाली और फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए आशीर्वाद लिया। बाड़ागड्डी क्षेत्र में यह मेला प्राचीन समय से मनाया जाता है।

इसके साथ ही देवताओं को ऊंचे बुग्यालों से लाए फूल भी भेंट किए जाते हैं।
ग्रामीण सुभंम पंवार ने बताया कि हर साल हरी महाराज का दूधगाडृ मेले का आयोजन किया जाता है।

यहां पर बाड़ागड्डी पट्टी के मुस्टिकसौड़, बोंगाड़ी, कुरोली, कंकराड़ी, थलन, मस्ताड़ी, मानपुर, किशनपुर, बोंगा, भेलुडा, कोटी, लदाड़ी और कंसेण समेत कई गांव के ग्रामीण करीब 160 कुंतल दुध जमा करते हैं। जिसके बाद जमा दुध से ग्रामीणों विधिविधान से देव डोलियों और हरिमहाराज का दुग्धाभिषेक करते हैं।

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