उत्तराखंड

डीएफओ , उप निदेशक के तबादले को लेकर पुरोला में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू

खबर सागर

उत्तरकाशी में गोविंद वन्य जीव पशु विहार में ट्रैक रूटों पर पर्यटकों की आवाजाही सीमित करने व रवाई घाटी में स्थानीय लोगों को जंगलों से मिलने वाले हक–हकूकों से वंचित रखने के लिए पुरोला में डीएफओ के खिलाफ़ धरना प्रदर्शन किया गया।

प्रदर्शनकारियों ने शासन को चेताते हुए कहा कि 15 जनवरी तक दोनों डीएफओ का तबादला हो जाना चाहिए, नहीं तो आगमी 16 जनवरी को पुरोला में बैठक कर आगे उग्र आंदोलन की रणनीति बनाई जायेगी। बताते चले कि इसी मामले को लेकर पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल वन मंत्री सुबोध उनियाल के आवास के बाहर धरने पर बैठे ।
जनपद के पुरोला तहसील के अंतर्गत सुदूरवर्ती मोरी, सांकरी से सैकड़ों की संख्या में गाड़ियों में भरभर कर लोग पुरोला पहुंचे आंदोलनकारियों ने पुरोला के मोरी बैंड से मुख्य बाजार होते हुए तहसील परिसर तक ढोल बाजों के साथ जुलूस प्रदर्शन निकाला ।
डीएफओ दंपतियों और सरकार के खिलाफ़ नारेबाजी करते हुए आमरण अनशन पर बैठ गए।लोगों का कहना है कि जब तक टौंस वन प्रभाग के डीएफओ कुंदन कुमार और पार्क प्रशासन के उप निदेशक डॉ अभिलाषा सिंह का तबादला नहीं हो जाता तब तक इन अधिकारियों के खिलाफ़ धरना प्रदर्शन चलता रहेगा ।
जनता ने टौंस वन प्रभाग के डीएफओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि जहां एक ओर वन विभाग स्थानीय लोगों के हक हकुकों से वंचित किया जा रहा है। तथा वन विभाग में तैनात डीएफओ दंपतियों की कार्य शैली राजशाही की याद दिलाती है।

उन्होंने कहा कि पार्क क्षेत्र में स्थानीय लोगों ने पर्यटक स्थल विकसित कर यहां पर्यटकों को आकर्षित करने में सफलता प्राप्त की लेकिन उपनिदेश्क के कार्य प्रणाली से पर्यटकों की संख्या सीमित कर दी गई है जिससे होटल, होम स्टे, टूर ऑपरेटरों, पोर्टर,घोड़े खच्चर, गाइड, आदी लोगों की आजीविका पर बुरा असर पड़ रहा है।

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