
खबर सागर
किसानों ने राष्ट्रपति और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के नाम भेजा ज्ञापन
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर 2020 को कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी।
13 महीने तक किसान आंदोलन चला जिसके बाद सरकार ने कृषि कानून को वापस लिया और आंदोलन की समाप्ति हुई. किसान आंदोलन को 5 साल पूरे हो चुके हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हरिद्वार जिला मुख्यालय पर किसानों ने प्रदर्शन कर राष्ट्रपति और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के नाम अपनी मांगों का एक ज्ञापन एडीएम को सोपा।
भारतीय किसान यूनियन के नेताओं के मुताबिक, किसानों का उत्पीड़न आज भी जारी है. किसानों को फसलों का सही दाम नहीं मिल रहा है. किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी कानून बनाने की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहा है ।
लेकिन अभी तक सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. भले ही किसान आंदोलन समाप्त हो गया हो लेकिन किसानों का संघर्ष अभी भी जारी है. जिला मुख्यालय पर ज्ञापन सौंपने के पश्चात किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मृत्यु हुई थी उनकी और उत्तराखंड के राज्य आंदोलनकारी दिवाकर भट्ट की आत्मा की शांति के लिए किसानों द्वारा मौन धारण किया गया. और उनको को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वही स्मार्ट पर लगी रोक पर सरकार का धन्यवाद भी किया।



