
खबर सागर
अर्धकुंभ को पूर्ण कुंभ बनाने पर मचा विवाद
धर्म नगरी हरिद्वार अर्धकुंभ 2027 को लेकर बड़ा धार्मिक विवाद खड़ा हो गया है। उत्तराखंड सरकार ने इस अर्धकुंभ को पूर्ण कुंभ की तरह मनाने की घोषणा की है, लेकिन संत समाज का एक वर्ग इस फैसले से सहमत नहीं है। उनका कहना है कि परंपरागत रूप से 2027 अर्धकुंभ ही है और इसे उसी स्वरूप में दिव्य और भव्य रूप से आयोजित किया जाना चाहिए।
हरिद्वार अर्धकुंभ 2027 पर सरकार और संत समाज के विचार एक बार फिर आमने-सामने नज़र आ रहे हैं। उत्तराखंड सरकार ने घोषणा की है कि 2027 के अर्धकुंभ को पूर्ण कुंभ की तरह मनाया जाएगा, ताकि इसकी भव्यता और पैमाना बढ़ाया जा सके। लेकिन कई संत इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि परंपरा में बदलाव ठीक नहीं और यह आयोजन अर्धकुंभ ही है, जिसे अर्धकुंभ के रूप में ही आयोजित किया जाना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सरकार के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि अर्धकुंभ को इतना दिव्य और भव्य बनाया जाना चाहिए कि वह पूर्ण कुंभ जैसा नजर आए। और जब वास्तविक पूर्ण कुंभ मनाया जाए तो उसकी भव्यता और भी अधिक दिखाई दे।
महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश का कहना है की 2027 का आयोजन अर्धकुंभ ही है। परंपराओं में बदलाव उचित नहीं है। हम चाहते हैं कि अर्धकुंभ दिव्य और भव्य हो, लेकिन इसे पूर्ण कुंभ घोषित करना सही नहीं है। कुंभ की गरिमा तभी बनी रहती है जब परंपरा अपने स्वरूप में निभाई जाए।



