
खबर सागर
शिव प्रसाद सेमवाल का विदाई समारोह यादगार व मिशाल बनी
जनपद टिहरी गढ़वाल में मुख्य शिक्षा अधिकारी के पद पर तैनात शिव प्रसाद सेमवाल का पदोन्नती आखिरकार कुंमाऊ में हुई । जिस पर शिक्षकों द्वारा सेमवाल की स्थान्तरण व भव्य विदाई समारोह यादगार की छाप बन गई ।
बता दें कि टिहरी जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी शिवप्रसाद सेमवाल की प्रोन्नति, अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा कुमाऊं मंडल में होने के फल स्वरुप, उनके सम्मान में शिक्षक-शिक्षिकाओं और विद्यार्थियों के द्वारा आयोजित भव्य विदाई समारोह यादगार बनकर रह गया है।
इसकी खास वजह यह रही कि मधुर व्यवहार, कार्य के प्रति समर्पण, निष्ठा और ईमानदारी की जीती-जागती मिसाल के तौर पर जाने-जाने वाले शिवप्रसाद सेमवाल उन गिने-चुने अधिकारियों में शुमार किए जाते हैं, जिन्होंने अपने काम के लिए बड़े नेताओं और अधिकारियों की कभी परिक्रमा नहीं की,
बस इसी वजह से कई वर्षों से उनकी पदोन्नति लटकी पड़ी रही, आखिर कोर्ट ने उन्हें न्याय दिया, और उनका पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त हुआ।
शिवप्रसाद सेमवाल की कर्मठता, ईमानदारी, निष्ठा व काम के प्रति समर्पण की भावना, आज भी टिहरी जिले के, शिक्षकों की कार्य पद्धति में परिलक्षित होती दिखाई देती है ।
मुख्य शिक्षा अधिकारी से पदोन्नति अपर शिक्षा निदेशक कुमाऊं मंडल होने पर, नरेंद्र नगर के गुरु राम राय पब्लिक स्कूल में शिक्षक-शिक्षिकाओं और विद्यार्थियों द्वारा श्री सेमवाल के सम्मान में शानदार भव्य विदाई समारोह आयोजित किया गया,
बैंड-बाजे, फूल-मालाओं, गिफ्ट व सम्मान पत्र भेंट कर श्री सेमवाल के विदाई समारोह को शिक्षकों और विद्यार्थियों ने यादगार बना डाला,
जिले में यह ,पहला मौका है जब किसी अधिकारी के स्थानांतरण अथवा प्रोन्नति पर, इतना बड़ा भव्य विदाई समारोह आयोजित किया गया हो ।
जनपद टिहरी जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी श्री सेमवाल के मार्ग दर्शन में टिहरी में शानदार इंस्पायर अवार्ड प्रतियोगिता, विज्ञान प्रदर्शनी, वार्षिक परीक्षा फलों में बेहतरीन प्रदर्शन कर प्रदेश में अपनी श्रेष्ठता साबित की है।
इस मौके पर जिला कोऑर्डिनेटर रहे अलख नारायण दुबे, प्रधानाचार्य पंकज ड्यूंडी, अमित शर्मा, मंजू चौहान, विजय मोहन गैरोला, वर्तमान मुख्य शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह, आलोक गौतम, श्याम सिंह, राम गोपाल गंगवार ने श्री सेमवाल को उच्च आदर्श वाले व्यक्तित्व का धनी बताया और कहा कि श्री सेमवाल ने अपने उत्कृष्ट कार्य और मधुर व्यवहार के जरिए शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच एक आदर्श अभिभावक और संरक्षक के रूप में माने जाते रहे हैं ।



