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टिहरी बांध झील प्रभावित पीडीतों ने 22 अक्टूबर को झील में जल समाधि की दी चेतावनी

खबर सागर

टिहरी बांध झील प्रभावित पीडीतों ने 22 अक्टूबर को झील में जल समाधि की दी चेतावनी

 

एशिया का सबसे बड़ा टिहरी बांध में झील भराव के उन्नीस वर्षों पूर्ण होने के बाद भी आंशिक डूब क्षेत्र के बांध प्रभावितों को भूमि आवंटन न होने पर सरोट, डोबन,खाण्ड बिड़कोट के दस ग्रामीणों की समस्या समाधान नही हो पाया है। जब कि प्रभावित पीड़ितों ने समाधान न होने पर 22 अक्टूबर 2024 को डोबन में टिहरी बांध झील में जल समाधि लेने की चेतावनी दी है।

प्रभावित ग्रामीणों द्वारा अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक टीएचडीसी को भेजे पत्र में लिखा गया है, कि सरोट, डोबन, खाण्ड बिड़कोट के प्रभावित गरीब व अनुसूचित जाति है, जिनको जानबूझकर परेशान करने की नियत से शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के निर्णय के विरुद्ध उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय में अपील की गई है। जबकि प्रभावितों द्वारा उक्त अपील वापस लेने का आग्रह किया गया किन्तु कोई ध्यान नहीं दिया गया।

पत्र में आरोप लगाया गया है कि टीएचडीसी द्वारा शिकायत निवारण प्रकोष्ठ नई टिहरी द्वारा जारी 252 पात्रता से संबंधित स्वीकृत मामलों में से 21 मामलों को चुन चुन कर भेदभाव व सौतेला ब्यवहार करते हुए उच्च न्यायालय में अपील करते हुए भूमि आबंटन से वंचित कर दिया गया।
पुनर्वास निदेशालय द्वारा वर्ष 2001 से 2022 तक सामान्य जाति के साधन सम्पन्न व सिफारिशि 370 ऐसे लोगों को जिन्होंने भूमि का नगद प्रतिकर पूर्व में ले लिया था ।
30 प्रतिशत ब्याज सहित जमा करवा कर कृषि व आवासीय भूखण्ड आवंटित कर दिए गए, किन्तु तब टीएचडीसी द्वारा कभी भी विरोध दर्ज नहीं किया गया।

उच्च न्यायालय के उस आदेश की भी अवहेलना की गई जिसमें शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के निर्णय पर 90 दिन के अन्दर कार्यवाही करने का निर्देश था।

उच्च न्यायालय में अपील लंबित होने पर भी 11 लोगों को कृषि व आवासीय भूखण्ड आवंटित कर दिए गए। इस क्षेत्र के 10 प्रभावित परिवार आज भी दर दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं।
पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य व प्रभावितों का नेतृत्व कर रहे रोशन लाल का कहना है कि गरीब व अनुसूचित जाति के होने के कारण भेदभाव किया जा रहा है।
यदि 21 अक्टूबर तक उनकी मांग नहीं मानी जाती है ।
वही सभी बांध प्रभावित 22 अक्टूबर 2024 को सामुहिक रूप से ग्राम डोबन के पास टिहरी बांध झील में जल समाधि ले लेंगे। जिसके लिए टीएचडीसी, शासन, प्रशासन व पुनर्वास निदेशालय जिम्मेदार होंगे।

पत्र में हस्ताक्षर करने वालों में चतर लाल,सीरा देवी,पुलमा देवी,धनीराम,सुबदा देवी सभी ग्राम खाण्ड बिड़कोट,मुकन्दराम, कलम सिंह ग्राम डोबन,जसबीर सिंह,रोशन लाल,ग्राम सरोट शामिल है।

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