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कॉर्बेट पार्क में फिर शुरू हो सकती है फुल डे सफारी पर शासन को भेजा प्रस्ताव

खबर सागर

 

कॉर्बेट पार्क में फिर शुरू हो सकती है फुल डे सफारी पर शासन को भेजा प्रस्ताव

पर्यटन के क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। लंबे समय बाद यहां एक बार फिर फुल डे सफारी शुरू किए जाने की संभावना बन रही है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भेज दिया है।

माना जा रहा है कि उच्च अधिकारियों से हरी झंडी मिलने के बाद जल्द ही यह व्यवस्था लागू हो सकती है।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क देश-विदेश के पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण है। हर साल लाखों की संख्या में सैलानी यहां वन्यजीवों के दीदार के लिए पहुंचते हैं। पार्क की जैवविविधता अद्वितीय है। यहां 260 से अधिक बाघ, करीब 1200 हाथी, तेंदुए, हिरण, भालू, मगरमच्छ, घड़ियाल, सैकड़ों प्रजातियों के पक्षी और असंख्य कीट-पतंगे पाए जाते हैं। यही वजह है कि यहां आने वाले पर्यटक अक्सर दिन भर प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवों का अनुभव करना चाहते हैं।
स्थानीय वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल बताते हैं कि उनकी लंबे समय से मांग रही है कि कॉर्बेट पार्क में फिर से फुल डे सफारी शुरू की जाए। उन्होंने कहा 2015 से पहले जब ऑनलाइन परमिट की सुविधा नहीं थी, तब कॉर्बेट पार्क के कुछ पर्यटन जोनों में पर्यटक पूरे दिन की सफारी का आनंद ले सकते थे। बाद में यह व्यवस्था बंद कर दी गई, लेकिन अब पर्यटकों और कारोबारियों दोनों की मांग है कि इसे फिर से शुरू किया जाए। यदि ऐसा होता है तो पर्यटक अधिक समय जंगल में बिता पाएंगे और विभाग को भी राजस्व का लाभ होगा।
इस समय कॉर्बेट पार्क के विभिन्न पर्यटन जोनों में सफारी केवल दो पालियों में होती है सुबह और शाम। सुबह की पाली सूर्योदय से पहले शुरू होती है और सुबह 10 बजे तक चलती है। वहीं शाम की पाली दोपहर बाद से सूर्यास्त तक सीमित रहती है। ऐसे में पर्यटकों को केवल कुछ घंटों के लिए ही जंगल की सैर करने का मौका मिलता है।
वहीं, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला का कहना है कि कारोबारियों और पर्यटकों की यह पुरानी मांग है कि सीमित संख्या में गाड़ियों को फुल डे सफारी की अनुमति दी जाए। उन्होंने बताया कि देश के कई टाइगर रिजर्व में यह व्यवस्था पहले से लागू है। उन्होंने भी इस दिशा में प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है। सक्षम स्तर से अनुमति मिलने के बाद कॉर्बेट में भी इस योजना को लागू किया जाएगा।
यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो कुछ चयनित जोनों में सीमित संख्या में जिप्सियों को पूरे दिन सफारी की अनुमति दी जाएगी।
फुल डे सफारी की खबर सुनते ही पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग और पर्यटक उत्साहित हैं। उनका मानना है कि यह कदम कॉर्बेट पार्क की लोकप्रियता को और बढ़ाएगा। खासकर विदेशी पर्यटक, जो अक्सर कई दिन यहां रुकते हैं, पूरे दिन की सफारी का अधिक आनंद उठा पाएंगे।
कॉर्बेट पार्क न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे भारत का गौरव है। यहां हर वर्ष आने वाले लाखों पर्यटक प्रकृति और वन्यजीव संरक्षण के महत्व को समझते हैं। यदि फुल डे सफारी फिर से शुरू होती है, तो यह पर्यटकों और पर्यटन उद्योग दोनों के लिए बड़ी खुशखबरी होगी।

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