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कुमौड़ हिलजात्रा के अवसर पर मुख्यमंत्री का वर्चुअल संबोधन

खबर सागर

कुमौड़ हिलजात्रा के अवसर पर मुख्यमंत्री का वर्चुअल संबोधन

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुमौड़ हिलजात्रा के अवसर पर सोर घाटी की जनता एवं श्रद्धालुओं को संबोधित किया। घाटी की 500 वर्षों से चली आ रही ऐतिहासिक हिलजात्रा पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए इसके सफल संचालन हेतु कुमौड़ हिलजात्रा समिति को बधाई प्रेषित की।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हिलजात्रा समिति पिथौरागढ़ द्वारा आयोजित आस्था और मनोरंजन का यह अद्वितीय संगम, पिछली पाँच शताब्दियों से अनवरत रूप से जारी, सौर घाटी की ऐतिहासिक पहचान बना हुआ है। उन्होंने आयोजकों को इस महोत्सव के सफल संचालन हेतु शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौरा–महेश की पारंपरिक पूजा और सातू–आठू की परंपरा हमारी लोक संस्कृति का जीवन स्वरूप है, जो सामूहिकता और आस्था की शक्ति को सहेजती है। कुमौड़ के चार महर भाइयों की शौर्यगाथा से जुड़े मुखौटों से सुसज्जित यह परंपरा आज भी सुख-समृद्धि और खुशहाली का संदेश देती है। लाखिया बाबा, गलियां, बैल, किसान, हालिया, पुतरिया सभी स्वरूप हमारी मिट्टी और संस्कृति से गहराई से जुड़े हैं।

उन्होंने कहा कि हिलजात्रा पर्व की शुरुआत भले ही महर भाइयों की वीरता से हुई हो, किन्तु समय के साथ इसे कृषि पर्व के रूप में मनाया जाने लगा।
तेजी से बदलते इस दौर में, जब लोग अपनी संस्कृति से दूर हो रहे हैं, वहीं सौर घाटी की जनता का अपनी परंपराओं के प्रति लगाव अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस पर्व के माध्यम से हमारी धरोहर को भावी पीढ़ियों तक पहुँचाने का संकल्प अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। उन्होंने सोर घाटी की जनता को इस 500 वर्ष पुरानी विरासत हेतु शुभकामनाएं दीं और आने वाली पीढ़ी से इस भव्य धरोहर को आगे बढ़ाने व संरक्षित करने का आग्रह किया।

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