
खबर सागर
गंगोत्री गौमुख से पद कावड़ यात्रा की शुरुआत
चार धाम यात्रा के साथ-साथ सनातन धर्म के अनुसार पवित्र धार्मिक आस्था से भरपूर कावड़ यात्रा एक अपने आप में एक अलग ही अनुभव होता है ।
अलग-अलग मान्यताओं के अनुसार कावड़ यात्रा की शुरुआत भगवान भोलेनाथ के परम भक्त रावण ने की थी उसके बाद परशुराम ने की थी कुछ मान्यताओं के अनुसार श्रवण कुमार ने कावड़ यात्रा की शुरुआत की थी ।
आज कल गोमुख व गंगोत्री से कावड़िया गंगा का पवित्र जल भरकर पैदल यात्रा शुरू कर दी है, जिसमें राजस्थान का एक जथा आगे बढ़ चुका है।
वहीं अगर हम पवित्र कावड़ यात्रा की बात करें तो कावड़ यात्रा एक धार्मिक अनुष्ठान है जो हिंदू धर्म में विशेष रूप से भगवान शिव के भक्तों द्वारा मनाया जाता है।
इस यात्रा का उद्देश्य गंगा नदी या अन्य पवित्र नदियों से जल लाकर भगवान शिव की पूजा करना है।
*कावड़ यात्रा का महत्व – *भगवान शिव की पूजा*: कावड़ यात्रा भगवान शिव की पूजा के लिए की जाती है, जो हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवता हैं।
पवित्र जल*: गंगा नदी या अन्य पवित्र नदियों से जल लाकर भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को आध्यात्मिक शांति और मुक्ति की प्राप्ति होती है।
– धार्मिक अनुष्ठान कावड़ यात्रा एक धार्मिक अनुष्ठान है जो भक्तों को अपने धर्म और संस्कृति से जुड़ने का अवसर प्रदान करती है।
कावड़ यात्रा की प्रक्रिया
कावड़ यात्रा की प्रक्रिया इस प्रकार है ।
गंगा नदी से जल लेना
भक्त गंगा जल लेते हैं और इसे कावड़ में रखते हैं। कोई इसे कंधे में लटका के ले जाता है और कोई इसे झूला के ले जाता है और कोई इसे एक डाक के रूप में भी ले जाते हैं और अपने आराध्य शिवालय को अर्पित करते है ।