
खबर सागर
कॉर्बेट नगरी रामनगर रेलवे स्टेशन पर दिव्यांग को गोद में उठाकर ट्रेन में बैठाया
उत्तराखंड के नैनीताल जिले का प्रमुख पर्यटन नगरी कॉर्बेट नगरी रामनगर के रेलवे स्टेशन से एक बेहद मार्मिक और चिंताजनक तस्वीर सामने आई है,जिसने रेलवे प्रशासन और स्थानीय व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं,यह घटना न केवल व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है बल्कि उन हजारों यात्रियों की पीड़ा को भी सामने लाती है, जो हर दिन ऐसे हालातों का सामना करते हैं,दरअसल रामनगर रेलवे स्टेशन पर सुविधाओं का अभाव एक बार फिर उस समय उजागर हुआ जब एक 90 प्रतिशत दिव्यांग महिला अंकिता शर्मा को उनके परिजनों ने गोद में उठाकर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक पहुँचाया,यह वाकया सोमवार सुबह उस समय हुआ जब महिला दिल्ली जा रही संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में सवार होने रामनगर रेलवे स्टेशन पहुंची थी,परिजनों के अनुसार अंकिता शर्मा अपने भाई और माता के साथ दिल्ली स्थित अपने घर लौटना था,उनके भाई अरुण शर्मा और माता इंदु शर्मा उन्हें लेकर रामनगर रेलवे स्टेशन पहुंचे।
उन्होंने बताया कि स्टेशन पर उन्हें वीलचेयर बहुत देर से उपलब्ध कराई गई और जब तक वीलचेयर मिली तब तक पता चला कि उनकी ट्रेन दूसरे प्लेटफॉर्म पर खड़ी है,सबसे चिंताजनक बात यह रही कि रामनगर रेलवे स्टेशन पर कोई फुट ओवर ब्रिज ओवरब्रिज नहीं है और न ही दिव्यांग यात्रियों के लिए प्लेटफॉर्म पार करने की कोई वैकल्पिक सुविधा मौजूद है, ऐसे में परिजनों ने मजबूरी में अंकिता को गोद में उठाकर रेलवे पटरी पार करते हुए दूसरे प्लेटफॉर्म तक पहुँचाया।
इस घटना ने न केवल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर रेलवे प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है, बल्कि यह भी साफ कर दिया कि आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी उत्तराखंड जैसे राज्य के कई स्टेशन मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
पीड़ित परिजनों ने कहां अगर यहां एक ब्रिज होता तो हमें इतनी परेशानी नहीं होती,हम जैसे कई लोग होंगे जो इसी तरह की स्थिति से जूझते होंगे, यह सिर्फ दिव्यांग यात्रियों की ही नहीं बल्कि आमजन की भी समस्या है। स्टेशन पर ओवर ब्रिज होना बहुत जरूरी है।
वहीं इस पूरे मामले पर रेलवे स्टेशन के स्टेशन सुपरिंटेंडेंट राजकुमार बनवाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुविधा को लेकर रेलवे गंभीर है,रामनगर स्टेशन पर मोडिफिकेशन का कार्य प्रगति पर है और इसमें ओवरब्रिज का निर्माण भी शामिल है,स्टेशन पर यात्रियों की सभी आवश्यक सुविधाएं जल्द ही उपलब्ध कराई जाएंगी ।
उन्होंने कहा कि रेलवे प्रशासन के संज्ञान में यह बात है कि प्लेटफॉर्म पार करने में यात्रियों को दिक्कत होती है, खासकर बुजुर्गों, दिव्यांगों और महिलाओं को,इसलिए इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
बता दें कि यह घटना एक आईना है उस व्यवस्थागत खामी का, जो देश के छोटे और मध्यम रेलवे स्टेशनों की हकीकत को सामने लाती है,जहां एक तरफ सरकार स्मार्ट स्टेशन और अत्याधुनिक सुविधाएं देने के दावे कर रही है, वहीं जमीनी सच्चाई कुछ और ही है।
अब देखना यह है कि क्या इस घटना के बाद प्रशासन जागेगा और यात्रियों की सुविधाओं को प्राथमिकता देगा, या फिर ऐसी घटनाएं बार-बार जनता को परेशान करती रहेंगी।