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एक ही कांलेज में 17 साल से कार्यरत होने से शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ रहा प्रतिकूल असर

खबर सागर

एक ही कांलेज में 17 साल से कार्यरत होने से शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ रहा प्रतिकूल असर

 

जहां ओर उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के बड़े बडे दावे व मानव की किए जाने उच्च शिक्षण संस्थान राजकीय महाविद्यालय नैनबाग विगत 17 सालों कई प्रवक्ता इसी कालेंज में तैनात होने के चलते कालेंज की शिक्षा की गुणवत्ता सहित पहलू पर प्रतिकूल असर पड़ रहा । जिसका नतीजा हर साल कालेंज में छात्र संख्या घटने पर स्थानीय जनता काफी चिंचित है।

जनपद टिहरी गढ़वाल राजकीय महाविद्यालय नैनबाग की स्थापना सन् 2001 ग्राम पंचायत टटोर के सामुदायिक भवन संचालित हुआ ।
। जिसमें स्थानीय जनता की मदद से विषम परिस्थिति के चलते कॉलेज की गतिविधियां संचालित हुई । वर्ष 2016 में कालेज को अपना भवन में विधिवत कक्ष कक्षाएं विस्तार पूर्वक चली आ रही ।
जिसमें कालेंज में वर्ष 2008 में कई प्रवक्ता की तैनाती हुई । तब से लेकर आज 17 साल से एक ही कालेज में तैनाती से शिक्षा का माहोल अनुकूल होने के साथ प्रवक्ता की मनमानी अचारण व व्यवहार से शिक्षा पद्धती पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
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जिसका नतीजा वर्ष 2016 में कालेज में छात्र संख्या 483 से घटकर आज वर्तमान में 179 तक समीट गई है। जब कि
कालेंज में 90% प्रतिशत छात्राए अध्यन्तरण है।
वही स्थानीय जनता द्वारा समय समय पर शिक्षकों के स्थान्तरण को लेकर उच्च शिक्षा के अधिकारीयों मौखिक रूप में अवगत करने के बाद आज इतने लम्बे समय एक ही कालेंज में तैनाती होने पर लोगों में भारी आक्रोश है। जिस पर शासन प्रशासन से मांग की समय रहते लम्बे समय से तैनात प्रवक्ताओं स्थान्तरण न होने पर आन्दोलन की चेतावनी दी है।
वही आम जनता,जनप्रतिनिधि व बुद्धजिवियों में महाविद्यालय की छात्र संख्या को लेकर काफी चिंचित है।
पूर्व पूर्व जेष्ट प्रमुख सरदार सिंह कंडारी, दीवान सिंह रावत, पूर्व प्रधान गम्भीर सिंह रावत आदि का कहना है कि चार से पांच साल अधिक एक ही कालेज में कार्यरत नही होनी चाहिए । जादा समय से कालेज का माहौल व शिक्षण कार्य प्रभावित होता है। जिस पर शासन प्रशासन को स्तान्तरण कि मांग की है।

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= महाविद्यालय नैनबाग की प्रभारी प्राचार्य मंजू कोगियाल का कहना है कि दो सालो से मैं लगातार छात्र संख्या ब बढाने के लिए टीम के साथ प्रयासरत करती आ रही हूं। और 17 सालों से कालेंज में तैनात प्रवक्ताओं का स्थान्तरण शासन प्रशासान स्तर का मामला है।

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