
खबर सागर
सुभाष राणा को द्रोणाचार्य पुरस्कार से नवाजा गया
उत्तराखंड के जनपद टिहरी गढवाल नैनवाग क्षेत्र के लिए एक और गौरव की बात है। जहा ग्राम चिलामू के राणा परिवार दो के बाद तीसरा द्रोणाचार्य पुरस्कार की उपाधि का प्राप्त होने पर क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
नैनबाग के चिलामू गांव के एक ही परिवार एक पिता व एक पुत्र को पहले ही द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
जबकि आज 17 जनवरी को सबसे छोटे पुत्र सुभाष राणा को भारत सरकार खेल मंत्रालय द्वारा मा. राष्ट्रपति द्वारा द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया । इस पुरस्कार में केश अवार्ड एवं प्रशस्ति पत्र भेंट किया जाता है।
बता दें कि उत्तराखंड सरकार के पूर्व खेल मंत्री नारायण सिंह राणा को उत्तराखंड सरकार द्वारा 2015 में निशानेबाजी के क्षेत्र में मुख्य कोच के रूप में भूमिका निभाने पर ‘द्रोणाचार्य पुरस्कार’ से सम्मानित किया। जबकि उनके जेष्ट पुत्र गोल्डन बाय निशानेबाज जसपाल राणा जी ने विश्व में खेल की प्रतिभा दिखाते हुए अनेक खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करते हुए उन्हें इस उपलब्धि के लिए भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने 2020 में द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया।
भारत में खेलों के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रशिक्षक (कोच) को द्रोणाचार्य पुरस्कार दिया जाता है। यह पुरस्कार ऐसे गुरु को मिलता है जो न सिर्फ एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है, बल्कि किसी प्रतिभाशाली खिलाड़ी को कॉमनवेल्थ एवं ओलंपिक तक पहुंचने के लिए तैयार करता है।
सुभाष राणा को आज द्रोणाचार्य अवार्ड मिलने पर देहरादून स्थित जसपाल राणा निशानेबाजी अकादमी पौधा उत्तराखंड के मिठाई खिलाकर सुभाष राणा जी को बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित की।
द्रोणाचार्य पुरस्कार मिलने पर पूर्व ब्लॉक प्रमुख सीता रावत, भाजपा के मंडल अध्यक्ष करण कंडारी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजेंद्र रावत, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष मेरा सकलानी, ओबीसी के उपाध्यक्ष राजेश नौटियाल, खेमराज भट्,दीवान सिंह रावत, पृथ्वी सिंह रावत, सरदार सिंह, रैपाल सिंह, बिरेन्द्र चंदेल,आदि ने खुशी जताई ।