
खबर सागर
नाग पंचमी में बागों वाले बागेश्वर देवता के रूप में पूजे जाते हैं नाग देवता
नागपंचमी के दिन हरिद्वार में नाग देवता की पूजा बागों वाले बागेश्वर देवता के रूप में करते हैं श्रद्धालु, सावन के महीने में नाग पंचमी का विशेष महत्व माना गया है ।
नाग पंचमी के दिन भगवान शिव के मंदिरों में पूजा अर्चना की जाती है साथ ही नाग देवता के मंदिरों में भी पूजा अर्चना का विधान माना गया है जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष व पितृ दोष की समस्या होती है ।
नाग पंचमी के दिन भगवान शिव के मंदिरों में और नाग देवता के मंदिरों में दुग्ध अभिषेक करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं। हरिद्वार के बीएचएल औद्योगिक क्षेत्र में नाग देवता का विशाल बगीचे में बागों वाले बागेश्वर देवता के नाम से सिद्ध पीठ स्थान है।
मनोकामना पूर्ण करने के लिए दूर दराज से यहाँ श्रद्धालुओं आकर नाग देवता की पूजा अर्चना करते हैं। मान्यता है की तीर्थ पुरोहितों ने 400 साल पहले नाग देवता के मंदिर की स्थापना की थी।
तीर्थ पुरोहितों का मानना है कि 400 साल पहले उनके किसी पूर्वज को नाग देवता ने इस स्थान पर साक्षात रूप में पुरुष वेश में दर्शन दिए थे और यहीं पर नाग देवता का मंदिर स्थापित करने को कहा था।
बागों वाले बागेश्वर देवता के मंदिर में नाग पंचमी के दिन विशाल मेला लगता है।
यहां पर वसंत पंचमी ,ऋषि पंचमी और हर महीने में शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की पंचमी को नाग देवता की पूजा अर्चना होती है।
नाग देवता की पूजा के लिए पंचमी का दिन विशेष माना जाता है।
सावन के महीने में नाग पंचमी का दिन तो नाग देवता की पूजा के लिए विशेष महत्व वाला है।
इसके अलावा अमावस्या और शनि अमावस्या के दिन भी नाग देवता की विशेष पूजा की जाती है। लोग नाग पंचमी, ऋषि पंचमी, वसंत पंचमी और हर महीना शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की पंचमी के दिन कालसर्प योग के उपाय के लिए यहां पर आकर पूजा अर्चना करते हैं।



