
खबर सागर
गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्रों का अब डिजिटल पहचान पत्र लाइब्रेरी कार्ड बनेगा
गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्रों का अब डिजिटल पहचान पत्र बनेगा, यह परिचय पत्र के साथ लाइब्रेरी कार्ड का भी कार्य करेगा। इससे जहां छात्रसंघ चुनाव के दौरान फर्जी मतदान की संभावना शून्य हो जायेगी, वहीं छात्रों को साल दर साल नये आई कार्ड बनाने से भी निजात मिलेगी।
आधुनिक सेवाओं से युक्त आरएफआईडी कार्ड की कीमत सौ रुपये रखी गई है। इस पहचान पत्र में क्यूआर कोड, बारकोड के साथ आधुनिक नॉन विजिबल चिप भी लगी रहेगी।
हेनब गढ़वाल विश्वविद्यालय डिजिटलाइजेशन की ओर तेजी से बढ़ रहा है। विवि के नियंता मंडल ने छात्रों के आई कार्ड को अपग्रेड किया है, अब छात्रों का डिजिटल आई कार्ड विवि द्वारा प्रवेश के दौरान बनाया जायेगा।
इससे छात्रों को कोर्स पूरा होने तक दूसरा आई कार्ड बनाने की आवश्यकता नहीं होगी, जबकि लाइब्रेरी कार्ड बनाने से भी निजात मिलेगी। डिजिटल आई कार्ड बनाने के लिए विवि स्तर पर नियंता मंडल द्वारा पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया था ।
जिन्हें इस डिजिटल आईकार्ड को बनाने के लिए अध्ययन में 6 माह का समय लगा। टीम के संयोजक डॉ देवेंद्र सिंह ने कहा कि पहली बार गढ़वाल विवि में इस तरह का आधुनिक आई कार्ड प्रयोग में लाया जायेगा।
इसे आरएफआईडी कार्ड यानी रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिजिटल कार्ड के नाम से जाना जायेगा।
इसमें बार कोड, क्यू कोड समेत फेस आईडी की सुविधा उपलब्ध रहेगी। साथ ही विवि में अध्ययनरत छात्र की शैक्षणिक व पुस्तकालय की गतिविधि एक क्लिक पर उपलब्ध हो जायेगी।
डॉ देवेंद्र सिंह ने बताया कि कार्ड में प्रति साल छात्र के डाटा को अपडेट करना होगा, लेकिन नया आई कार्ड बनाने की छात्रों को आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
हालांकि प्रति वर्ष डेटा अपडेट के लिए छात्रों को सौ रुपये का भुगतान करना पड़ेग।



