उत्तराखंड

सूखे की मार से मौन पालन पर असर, किसानो की फसल लगी सूखने

खबर सागर

 

लम्बे समय से चंपावत जिले में बारिश न होने से जिले में सूखा पड़ने लगा ग है, जिसका असर अब खेती किसानी व पेयजल में दिखने लगा है ।
वहीं बाराकोट ब्लॉक् के डोबाभागू के युवा किसान मनोज कुमार, सुंदर राम, उमेश तिवारी, प्रेम राम ,शंकर राम ,जोगाराम ,मोहित कुमार ने बताया पूरा क्षेत्र सूखे की चपेट में आ गया है लंबे समय से बरसात न होने से उनके द्वारा लगाए गए कद्दू ,शिमला मिर्च, बैगन व ककड़ी आदि की खेती पूरी तरह सूखने के कगार में पहुंच चुकी है
तथा गेहूं की फसल पूरी तरह चौपट हो चुकी है ।
जिस कारण क्षेत्र के किसानों को काफी आर्थिक नुकसान पहुंचा है उन्होंने कहा खेती किसानी ही उन लोगों की आजीविका का साधन है वहीं आधुनिक मौन पालन कर आजीविका चला रहे ।
युवा मनोज कुमार ने बताया बरसात न होने से जमीन पूरी तरह सूख गई है ।जिस कारण प्राकृतिक वनस्पति में फूल बहुत कम मात्रा में खिल रहे हैं ।

जिसके चलते मधुमक्खियां को बहुत कम मात्रा में मकरंद व पराग मिल पा रहा है जिस कारण शहद उत्पादन में काफी ज्यादा कमी आ गई है ।
सूखे के कारण किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है किसानों ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से गांव में पानी की समस्या दूर करने के साथ-साथ सिंचाई प्रबंधन की व्यवस्था करने की मांग की है । ताकि फसलों को बचाया जा सके मालूम हो लंबे समय से बारिश न होने से पूरा क्षेत्र सूखे की चपेट में आ चुका है ।
किसान अपनी सूख चुकी फसलों को देख रहे हैं तथा बारिश की बाट जो रहे हैं किसानों ने सरकार से राहत देने के लिए क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित करने तथा मुआवजा देने की मांग करी है ।

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