
खबर सागर
द्वाराहाट का प्रसिद्ध ऐतिहासिक सांस्कृतिक मेला स्याल्दे बिखौती में खूब धूम रही । ग्रामीण क्षेत्रों से जनता उमड़ कर मेले में पहुंची।करीब दस हजार से ऊपर लोग मेले में पहुंचे।
बटपूजा में नौज्युला दल के 11जोड़ी नगरे निशानों ने ढोल दमाऊँ मसकबीन रनसिंग के साथ साथ सरंकार खेलते
हुए रणबांकुरे पहुंचे और ओढ़ा भेंटा।
मुख्य मेले के दिन आल,और गरख दल के लोगों ने नगरों निशान के साथ ओढ़ा भेंटने की परंपरा को आगे बढ़ाया।
आज मीना बाजार बहुत ही सुव्यवस्थित तरीके से शीतलापुश्कर मैदान और बद्रीनाथ मार्ग पर लगाई गई। मुख्य रूप से झोड़ा गायन इस मेले की पहचान है जिसको सुनने और देखने के लिए दूर दूर शहरों से लोग आते हैं।
साथ ही प्रवासी लोग भी मेले में शिरकत करने पहुंचते हैं।
शीतलापुश्कर मैदान में काफी संख्या में महिला और पुरुषों द्वारा झोड़ा गायन किया गया।झोड़े के माध्यम से समाज को संदेश देने की पुरानी परंपरा को बढ़ाते हुवे नौजवानों ने मनरेगा कार्यों पर कटाक्ष करते हुए झोड़ा गायन किया ।
मेले में तहसील प्रशासन और थाना प्रशासन की व्यवस्था काफी चाक चौबंद नजर आई हर तरफ खाकी वर्दी में जवान और अधिकारी नजर आ रहे थे।वहीं पैरा मिलिट्री के जवान भी मेले में व्यवस्था बनाते देखे गए।
आर्दश आचार संहिता के चलते झूले चरखे नहीं दिखाई दिए मेले में मगर ग्रामीणों ने बहुत ही सुंदर तरीके से मेले को संपन्न किया।
आल, गरख,और नौज्युला दल के ठोकदारो की अहम भूमिका इस मेले में देखने को मिली।
नगर पंचायत द्वाराहाट के अधिकारी और कर्मचारी पूरे मेले में व्यवस्था को बनाने में पूरे सहयोग दिया । जिन लोग काफी संतुष्ट नजर आए व्यवस्थाओं को देखकर।
द्वाराहाट की पहचान स्याले मेले में सभी ने अपनी सहभागिता करते है।
द्वाराहाट का प्रसिद्ध ऐतिहासिक सांस्कृतिक मेला स्याल्दे बिखौती में खूब धूम रही । ग्रामीण क्षेत्रों से जनता उमड़ कर मेले में पहुंची।करीब दस हजार से ऊपर लोग मेले में पहुंचे।
बटपूजा में नौज्युला दल के 11जोड़ी नगरे निशानों ने ढोल दमाऊँ मसकबीन रनसिंग के साथ साथ सरंकार खेलते
हुए रणबांकुरे पहुंचे और ओढ़ा भेंटा।
मुख्य मेले के दिन आल,और गरख दल के लोगों ने नगरों निशान के साथ ओढ़ा भेंटने की परंपरा को आगे बढ़ाया।
आज मीना बाजार बहुत ही सुव्यवस्थित तरीके से शीतलापुश्कर मैदान और बद्रीनाथ मार्ग पर लगाई गई। मुख्य रूप से झोड़ा गायन इस मेले की पहचान है जिसको सुनने और देखने के लिए दूर दूर शहरों से लोग आते हैं।
साथ ही प्रवासी लोग भी मेले में शिरकत करने पहुंचते हैं।
शीतलापुश्कर मैदान में काफी संख्या में महिला और पुरुषों द्वारा झोड़ा गायन किया गया।झोड़े के माध्यम से समाज को संदेश देने की पुरानी परंपरा को बढ़ाते हुवे नौजवानों ने मनरेगा कार्यों पर कटाक्ष करते हुए झोड़ा गायन किया ।
मेले में तहसील प्रशासन और थाना प्रशासन की व्यवस्था काफी चाक चौबंद नजर आई हर तरफ खाकी वर्दी में जवान और अधिकारी नजर आ रहे थे।वहीं पैरा मिलिट्री के जवान भी मेले में व्यवस्था बनाते देखे गए।
आर्दश आचार संहिता के चलते झूले चरखे नहीं दिखाई दिए मेले में मगर ग्रामीणों ने बहुत ही सुंदर तरीके से मेले को संपन्न किया।
आल, गरख,और नौज्युला दल के ठोकदारो की अहम भूमिका इस मेले में देखने को मिली।
नगर पंचायत द्वाराहाट के अधिकारी और कर्मचारी पूरे मेले में व्यवस्था को बनाने में पूरे सहयोग दिया । जिन लोग काफी संतुष्ट नजर आए व्यवस्थाओं को देखकर।
द्वाराहाट की पहचान स्याले मेले में सभी ने अपनी सहभागिता करते है।