उत्तराखंड

जल संस्थान व जल निगम का धरना प्रर्दशन

खबर सागर

उत्तराखंड पेयजल निगम और उत्तराखंड जलसंस्थान का एकीकरण, राजकीयकरण की मांग जारी है। कर्मचारियों ने शुक्रवार को धरना दिया। कहा कि पूर्व में हुए समझौते के कारण उन्होंने एक महीने तक अपना आंदोलन स्थगित रखा, लेकिन उनके साथ फिर से वादाखिलाफी हो रही है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जल निगम, जलसंस्थान संयुक्त मोर्चा ने जल निगम कार्यालय पर धरना दिया।
अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त समन्वयक मोर्चा के जिला संयोजक कैलाश सिंह राणा ने कहा कि पेयजल निगम और जलसंस्थान का एकीकरण नहीं हो सका है।
यह मांग लंबे समय से शासन स्तर पर विचाराधीन है, जबकि देश के लगभग 24 राज्यों में पेयजल और सीवरेज व्यवस्था के लिए राजकीय एकीकृत विभाग स्थापित हैं, जबकि उत्तराखंड में पेयजल की बहुल व्यवस्था होने के कारण जहां एक ओर विभागों में आपसी सामंजस्य का अभाव है, वहीं आम जन मानस में भ्रम की स्थिति रहती है।
पेयजल योजना के निर्माण, क्रियान्वयन, रखरखाव आदि के लिए वह दोनों विभाग से संपर्क करते हैं। कहा कि 1974 में पेयजल एवं स्वच्छता के लिए स्वायत्त शासन अभियंत्रण विभाग के नाम पर राजकीय विभाग था।

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