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जिला अस्पताल पौड़ी के पीपीपी मोड के 220 आउटसोर्स कर्मियों की होगा सेवा समाप्त

खबर सागर

जिला अस्पताल पौड़ी के पीपीपी मोड के 220 आउटसोर्स कर्मियों की होगा सेवा समाप्त

जिला अस्पताल पौड़ी के पीपीपी मोड से मूल विभाग में हस्तांतरण के बाद अस्पताल में सेवारत 220 आउटसोर्स कर्मियों की सेवा समाप्त हो जाएगी।

पीपीपी मोड सेवा प्रदाता महंत इंद्रेश अस्पताल प्रशासन देहरादून ने कार्मिको को नोटिस जारी कर दिया है। उन्होंने समस्त आउटसोर्स कर्मियों को आगामी 31 दिसंबर को उनका आखिरी कार्य दिवस बताया है। जिसके बाद आउटसोर्स कर्मियों को भविष्य की चिंता सताने लगी है। उन्होंने जिला प्रशासन से उनके भविष्य को सुरक्षित किए जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग में समायोजन की मांग की है।जिला अस्पताल पौड़ी का जनवरी 2021 से पीपीपी मोड के तहत महंत इंद्रेश अस्पताल देहरादून द्वारा किया जा रहा है।
इस कलस्टर में जिला अस्पताल के साथ सीएचसी पाबौ व सीएचसी घंडियाल भी शामिल हैं।

इंद्रेश अस्पताल प्रशासन ने आउटसोर्स के माध्यम से जिला अस्पताल पौड़ी में लैब तकनीशियन, ओटी तकनीशियन, क्लर्क, फार्मासिस्ट, सुरक्षा कर्मी, सफाई कर्मी, रेडियो तकनीशियन, डेंटल तकनीशियन, नेत्र मितिज्ञ, फिजियोथैरेपिस्ट सहित विभिन्न पदों पर 240 कर्मियों की तैनाती की थी। इनमें अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग में होने के दौरान प्रबंध समिति के माध्यम से सेवारत 32 कार्मिक में शामिल हैं।
जिन्हें पीपीपी मोड में समायोजित किया गया था। पीपीपी मोड का अनुबंध दिसंबर 2024 में समाप्त हो रहा है। अब महंत इंद्रेश अस्पताल प्रशासन देहरादून ने समस्त आउटसोर्स कर्मियों को आगामी 31 दिसंबर को समाप्त होने संबंधी नोटिस जारी किया है।

समस्त आउटसोर्स कर्मियों को नोटिस मिलने के बाद भविष्य की चिंता सताने लगी है। उन्होंने डीएम पौड़ी डा. आशीष चौहान से अस्पताल के राजकीय सेवा में लौटने पर उन्हें पदों के सापेक्ष समायोजित किए जाने की मांग की है।
कहा स्वास्थ्य सेवा में लगातार बेहतर सेवाएं दी हैं। लेकिन अब उनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।
वहीं अस्पताल में पहले प्रबंध समिति व उपनल के माध्यम से सेवाएं देने और बाद में आउटसोर्स के तहत सेवाएं देने वाले कार्मिको का कहना है कि 10 वर्ष से भी अधिक समय से वह सेवाएं दे रहे हैं।

पहले अस्पताल के पीपीपी मोड में जाने पर उनकी आजीविका पर संकट आया था ।
और अब एक बार फिर पीपीपी मोड से अस्पताल के हटने से परेशानी खड़ी हो गई है।

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