
खबर सागर
लोकसभा चुनाव की तारिख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, वैसे वैसे चुनावी पारा लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसा में चुनावी ड्यूटी में लगे अधिकारियों चुनाव निर्विघ्न रूप से संपन्न कराने और सत् प्रतिशत मतदान कराने की कवायद में लगें।
मगर इस बीच विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से आ रही चुनाव बहिष्कार की खबरों ने अधिकारियों के हाथ पांव फूला दिए, जिसके चलते वह नाराज ग्रामीणों की नाराजी दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
टिहरी लोकसभा क्षेत्र में आने वाली सहसपुर विधानसभा की मिसराजपट्टी ग्राम पंचायत भी चुनाव बहिष्कार करने वाली फेहरिस्त में शामिल हैं। जहां स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव तो है ही, साथ ही यहां आजादी के दशकों बाद तक सड़क भी नहीं पहुंची है।
जिसके चलते यहां के ग्रामीण पिछले करीब बीस सालों से गांव तक सड़क पहुंचाए जाने को लेकर जनप्रतिनिधियों से लेकर संबंधित विभागों के चक्कर काटकर थक चुके हैं। इस बीच प्रदेश में कई सरकारें आईं और गईं, मगर यहां के ग्रामीणों की सड़क की मांग पूरी नहीं हो पाई।
जिससे नाराज यहां के ग्रामीणों द्वारा इस बार लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी के बाद आज पीडब्ल्यूडी, राजस्व विभाग, वन विभाग सहित तमाम विभागों के लाव लश्कर के साथ चुनावी ड्यूटी में लगे अधिकारी नाराज ग्रामीणों को मनाने पहुंचे। जहां मौके पर पहुंचे अधिकारियों को ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।
वहीं इस बार भी आक्रोशित ग्रामीण संबंधित अधिकारियों द्वारा मिल रहे कोरे आश्वासन से सहमत नहीं हुए उन्होंने साफ कहा कि जब तक उन्हें सक्षम अधिकारी द्वारा लिखित में आश्वासन नहीं दिया जाता तब तक वह चुनाव बहिष्कार से पीछे हटने वाले नहीं।
दूसरी ओर मौके पर पहुंचे अधिकारियों का कहना है कि नाराज ग्रामीणों को मनाने की कवायद जारी है। बताया कि ग्रामीणों की मांग जायज है, मगर वन विभाग की क्लीयरेंस और उच्च स्तर पर स्वीकृति मिले बिना सड़क बनाया जाना संभव नहीं है। जिसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
बहरहाल नाराज ग्रामीणों से बात न बनती देख मौके पर पहुंची तमाम विभागों की टीम को बेरंग लौटना पड़ा। अब देखना यह होगा कि नाराज ग्रामीणों की कौन नाराजगी दूर कर पाता है ।
ग्रामीणों द्वारा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी का असर 2019 के लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी मतदान के दिन देखने को मिलता है।