कॉर्बेट पार्क में दिखा अलग दुलर्भ प्रजाति का सांप

खबर सागर
प्रसिद्ध शेव द स्नेक सोसाइटी के अध्यक्ष चंद्रसेन कश्यप ने इस सालाजार पिट वाईपर सांप को कॉर्बेट लैंडस्केप से लगते आबादी क्षेत्र से किया रेस्क्यू, कॉर्बेट क्षेत्र में इस सांप की प्रेसेंस देख कॉर्बेट प्रशासन हुआ गदगद।
विश्व पप्रसिद्ध कॉर्बेट पार्क के जंगल जैवविविधता के लिये देश विदेश में विख्यात है,जहां कई प्रकार के वन्यजीवों के साथ ही जीव जंतु,पक्षी पाए जाते है।
वहीं यहां सांपों की भी सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती है इनमे से कुछ ऐसी प्रजातियां है जो लगातार दिखाई देती है पर कुछ प्रजातियां ऐसी है जो दुलर्भ होती है और जो कभी कभार वर्षों में दिखाई देती है।
उनमे से ही एक है दुलर्भ प्रजाति का सालाजार पिट वाईपर सांप,
जिसका नाम हैरी पॉटर मूवी के विलेन सालाजार स्लीथेरिन के नाम से जाना जायेगा |
बता दें कि यह सांप जो की 15 वर्ष पूर्व दिखा था पार्क में,और यह दुर्लभ प्रजाति का सांप वाइपर प्रजाति के हरे रंग के सांपों के समान है, किंतु इसका रंग हरे के साथ गोल्डन देखा जाता है,यह सांप बहुत दुर्लभ और अधिक विषैला है ।
उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले के रामनगर शहर में सर्प विशेषज्ञ चंद्रसेन कश्यप द्वारा इस सांप को रेस्क्यू किया गया है,ग्रीन वाईपर श्रेणी में आता है।
स्लीथेरिन हरे रंग का ये सांप काफी जहरीला होता है, इसके जहर की एक बूंद इंसान को कुछ ही सेकंड ने मौत की नींद सुला सकती है।बता दें कि सालाज़ार, जिसे सालाज़ार पिट वाइपर के रूप में भी जाना जाता है ।
विषैले, हरे पिट वाइपर की एक प्रजाति है जिसे पहली बार 2019 में भारत के अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी भाग के निचले इलाकों में खोजा गया था ।
2019 में इस क्षेत्र में खोजी जाने वाली पांचवीं नई सरीसृप प्रजाति थी इसका नाम हैरी पॉटर श्रृंखला के सालाज़ार स्लीथेरिन के नाम पर रखा गया था, इसका सिर गहरा हरा और शरीर के बाकी हिस्से पर पीले हरे रंग की पृष्ठीय शल्कें होती हैं।
यह प्रजाति लैंगिक रूप से द्विवर्णी है; नर में लाल-नारंगी और पीली-नारंगी धारियाँ होती हैं और एक जंग लगी लाल-नारंगी पूंछ होती है जो मादाओं में नहीं होती है। मानव विकास गतिविधियों से इसका आवास खतरे में है।
वहीं इस विषय मे जानकारी देते हुए कॉर्बेट पार्क के डायरेक्टर डॉ धीरज पांडे कहते है कि इसका दिखना अच्छा संकेत है,पांडे कहते है कि सालाजार पिट वाइपर सांप पहले कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में डॉक्युमेंट है ।
पूर्व में,उन्होंने बताया कि हमारे टाइगर कंसर्वेसन प्लान में पहले डॉक्युमेंट है,और ये अच्छा साइन है कि इसकी प्रेजेंस कॉर्बेट पार्क के आसपास देखी गयी है,वे कहते है कि इसकी बहुत ज्यादा फ़ोटो या वीडियोज नही हैं ।
बहुत सीमित संख्या में इस क्षेत्र में इसकी फ़ोटो उपलब्ध है।वे कहते है इसका नाम पिट इसलिए पड़ता है क्योंकि इसके मुह के पास दो पिट्स बने होते हैं और उन पिट्स पर सेंसरी ऑर्गन्स होते है |
सेंसरी ऑर्गन्स से यूनिक तरीके से सेंस कर यह शिकार करता है।वे कहते है जैवविविधता की द्रष्टिगत ये अच्छा संकेत है।