
खबर सागर
पीपीपी मोड पर संचालित अस्पताल के खिलाफ उबाल, स्वास्थ्य मंत्री का पुतला फूंका
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर जनता का गुस्सा अब सड़कों पर नजर आ रहा है,रामनगर के सरकारी अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाने की मांग जोर पकड़ रही है।
इसी मुद्दे को लेकर आज लोगों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत का पुतला फूंका ।
रामनगर में स्वास्थ्य सेवाओं को निजी हाथों में देने का सरकार का फैसला अब जनता के लिए परेशानी का सबब बन चुका है ।
स्थानीय लोग लगातार इस अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाने की मांग कर रहे हैं।
इसी के तहत, पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी के नेतृत्व में लोगों ने कल 24 घंटे का अन्न-जल त्याग कर अनशन शुरू किया था और इसके बाद आज स्वास्थ्य मंत्री का पुतला दहन कर आक्रोश जताया।
पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी ने कहां कि हमारी मांग बहुत साफ है,जब उत्तराखंड के बाकी अस्पतालों को पीपीपी मोड से हटा दिया गया है, तो रामनगर के अस्पताल के साथ अन्याय क्यों? सरकार केवल झूठे वादे कर रही है। अब आर-पार की लड़ाई होगी।
आपको बता दें कि वर्ष 2020 में उत्तराखंड सरकार ने कई सरकारी अस्पतालों को पीपीपी मोड में देने का फैसला लिया था, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की बात कही गई थी।
लेकिन रामनगर अस्पताल में हालात और बिगड़ गए। स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों का आरोप है कि जब से अस्पताल निजी हाथों में गया है, तब से इलाज के नाम पर मरीजों को या तो रेफर कर दिया जाता है या उन्हें सही उपचार नहीं मिल पा रहा।
अस्पताल में सुविधाएं न के बराबर हैं,गरीबों के लिए इलाज महंगा हो गया है,यहां आने वाले मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। जनता का आरोप है कि स्वास्थ्य मंत्री ने खुद आश्वासन दिया था।
मार्च तक इस अस्पताल को पीपीपी मोड से हटा दिया जाएगा, लेकिन अब इसे तीन महीने के लिए और बढ़ाने की खबरें आ रही हैं।
सरकार जनता के धैर्य की परीक्षा ले रही है,अगर जल्द फैसला नहीं हुआ, तो हम उग्र आंदोलन के लिए तैयार हैं।