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देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत को किया याद

खबर सागर

देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत को किया याद

 

मंसूरी मेें पुण्यतिथि में सामुहिक विशेष हवन पूजा

पहाड़ों की रानी मसूरी में देश के पहले सीडीएस जनरल विपीन रावत की तीसरी पुण्य तिथि पर मसूरी में पौड़ी गढ़वाल विकास समिति द्वारा मसूरी के शहीद स्थल पर प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत की आत्मा की शांति के लिए विशेष हवन का आयोजन किया गया।

इस मौके पर मसूरी के विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोगों ने बिपिन रावत के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और देष के लिये उनके योगदान और बलिदान को याद किया।

इस मौके पर पूर्व पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल और ओपी उनियाल ने कहा कि भारतीय सेवा के पहले सीडीएस का बलिदान और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी के साथ कई सैन्य अधिकारी हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हो गए थे यह घटना तमिलनाडु के कुन्नूर में हुई थी ।
भारत के पहले रक्षा प्रमुख जनरल बिपिन रावत के योगदान भारतीय सेवा में अनमोल है उनकी जिंदगी सिर्फ एक सैन्य अधिकारी के नहीं बल्कि एक सच्ची योद्धा और देशभक्ति की थी। जिन्होंने भारतीय सुरक्षा को एक नई दिशा देने का कार्य किया उनका जीवन संघर्षों कड़ी मेहनत और अप्रतिम नेतृत्व का उदाहरण था।
जनरल रावत ने भारतीय सेना में 1978 में ग्यारहवीं गोरखा राइफल्स से अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने मिजोरम, कांगो और जम्मू-कश्मीर जैसे कई संवेदनशील क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दीं।

भारतीय सेना में उनकी बेहतरीन नेतृत्व क्षमता को देखते हुए उन्हें 2016 में भारतीय थल सेना के प्रमुख के पद पर नियुक्त किया गया। इसके बाद 1 जनवरी 2020 को वे भारत के पहले रक्षा प्रमुख बने।
जनरल बिपिन रावत ने सीड्स के रूप में भारतीय सेना की तीनों शाखाओं के बीच तालमेल को बेहतर बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए ।

उनके नेतृत्व में भारतीय सेना नौसेना और वायुसेना के बीच संयुक्त ऑपरेशन में सुधार हुआ जिस देश की सुरक्षा को और मजबूत किया गया ।उनका प्रमुख उद्देश्य रक्षा बलों की कार्य प्रणालियों को अधिक संगठित और प्रभावी बनाना था।
जनरल बिपिन रावत का जीवन एक प्रेरणा है उनके समर्पण साहस और नेतृत्व के बिना भारतीय रक्षा बलों की आज की स्थिति की कल्पना नहीं की जा सकती उनकी भूमिका सिर्फ एक सैन्य प्रमुख कि नहीं बल्कि एक रणनीतिक नेता की थी जिन्होंने भारत की सुरक्षा को नए आयाम दिए ।
उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता और उनका नाम हमेशा भारतीय सैन्य इतिहास स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा।

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